यह तरीका आपको सुबह 4 बजे उठा के ही छोड़ेगा Most Efficient Way to Wake Up at 4 :00 am in Hindi New

जीवन भर बिना अलार्म के सुबह उठने के तार्किक और व्यावहारिक तरीका आपको सुबह 4 बजे उठा के ही छोड़ेगा सबसे पहले सुबह उठते ह (#SubconsciousMind) में बैठ जा

 बहुत सारे लोगों की सुबह 8 बजे से पहले नहीं होती है और अगर विद्यार्थी हैं या ऑफिस जाना हो तब तो बहुत समस्या है। कुछ लोगों का कहना हैं कि मैं सुबह जल्दी नहीं उठ पाता क्योंकि नींद खुलती ही नहीं ऐसी गंदी आदत है हमारी। हमें लगता है हम सुबह जल्दी उठते तो कमाल कर जाते। 3 अलार्म लगा कर सोते है अलार्म बजता है बंद करके फिर सो जाते हैं। इतने में तो अलार्म भी थक जाए, अब तो वो कह रहा है मत बज ये तो उठेगा ही नहीं । 

जीवन भर बिना अलार्म के सुबह उठने के तार्किक और व्यावहारिक तरीका आपको सुबह 4 बजे उठा के ही छोड़ेगा

सुबह जल्दी उठने के लिए तो सब सोचते हैं लेकिन यह कर वही पाता है जिसको दुनिया सफल व्यक्ति के नाम से जानते हैं तो जल्दी उठने का सबसे कारगार और सबसे सरल तरीका इस लेख में जानने वाले हैं। आपको कितने घंटे की नींद लेकर कितने बजे उठना चाहिए ताकि वो सुबह उठने वाली एनर्जी, चमक आपके चेहरे और आपकी मेहनत से दिख सके। आपको सुबह 3 अलार्म लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको सिर्फ वो फॉलो करना है जो हम आपको बताने जा रहे हैं आगे और बाद में आपको  कुछ ऐसी आदत लग जाएगी कि आप अलार्म के बजने से पहले ही उठ जाएंगे।

Sunrise image 


सुबह उठने के क्या फायदे ?

किसी भी समस्या को पूरी तरह से खत्म करने के लिए उसके जड़ में जाना पड़ता है। अलार्म बजने के बाद भी सुबह जल्दी ना उठाने पाने की समस्या के जड़ को पहचाने के लिए आपको एक उदाहरण से समझना बहुत जरूरी है- मान लो कि प्रतिदिन 8:00 बजे उठते हैं और 1 दिन आप में जोश आ गया और आपने सोचा कि कल चाहे कुछ भी हो जाए मैं 4 बजे उठकर ही मानूंगा। अब देखो आपने एक अलार्म 3:55 में लगा दिया दूसरा 4 बजे और तीसरा 4:10 का लगा दिया और सोचा कि अब तीन अलार्म लगाऊंगा तो जग ही जाऊंगा। अब सुबह क्या हुआ अगर आप 4 बजे नहीं उठ पाए तो फिर तो आपके पास कहने के लिए कुछ है ही नहीं क्योंकि जो भी होगा अगली कल सुबह ही होगा फिर से आप यही सोचोगे कि कल सुबह पक्का उठुंगा। इस तरह आपका कल कल दिन करके निकालते रहते हैं और अगर आप 4 बजे उठ भी गए तो ध्यान से पढ़ना आपके साथ क्या हो सकता है 

आप एक दिन उठे, दो दिन उठे, तीन दिन उठे । 3 दिन बाद क्या हुआ कि आपकी नींद आगे carry होने लग गई। नींद का Carry होने का मतलब है कि आपके शरीर को जितनी नींद पहले लिया करती थी अब उतनी आपको नहीं मिल पा रही है। तो फिर आप क्या करेंगे, सबसे सरल तरीका पकड़ेंगे। दिन में सोना शुरू कर देंगे, दिन में दो-दो घंटे सोना चालू कर दिया। आपने सुबह उठने की एक अच्छी आदत पकड़ी थी लेकिन उसके साथ साथ दिन में बहुत ज्यादा सोने की एक गंदी आदत भी मुफ्त में मिल गई। सुबह जल्दी उठने का मीनिंग उतना नहीं निकल पा रहा क्योंकि सुबह जल्दी उठकर भी दिन में सो रहे हैं तो आपको कुल मिलाकर 24 घंटे में तो उतना ही समय मिल पा रहा है तो बेहतर परिणाम कहां से मिलेगा और अगर दिन में सोएंगे तो रात को नींद लेट आएगी। रात को नींद अगर लेट आएगी तो सुबह जल्दी कहां से उठेंगे और कैसे भी करके दिन की नींद अगर काबू में कर लिया तो उसका असर फिर आपको अगले दिन सुबह देखने को मिलेगा जैसा कि मनोविज्ञान कहता है कि आप अपनी बॉडी के अनुसार आपके दिमाग को जितनी नींद मिलनी चाहिए अगर उतना नहीं लेते हैं तो फिर आपको सुस्ती और नींद से संबंधित बहुत सारी बीमारियां होने लग जाएगी ( लिंक नीचे दिया है पढ़ें, खुद को उन बीमारियों से दूर रखें, नींद आपके सफल और स्वस्थ जीवन के लिए फायदेमंद है)। कितना भी कर लो सुबह 4:00 बजे नहीं उठ पाएंगे। जोश जोश में चार-पांच दिन सुबह उठ गए लेकिन आप चाहे दिन में सोए या ना सोए समय को मैनेज नहीं कर पाने के कारण आपकी वह आदत फिर से छूट जाएगी। इस तरह आप पूरी तरह से जल्दी उठने का फायदा नहीं उठा पाए क्योंकि असली फायदा में तो वही है जो सुबह को भी काम में ले लें, दोपहर को भी सोना ना पड़े, तो आपको सुबह का एक्स्ट्रा फायदा भी मिल जाएगा और दोपहर में हमेशा की तरह काम भी कर पाएंगे। आप काम को हंड्रेड परसेंट दे पाएंगे, लोगों से बेहतर परिणाम मिलेंगे इसके लिए आपके पास 24 घंटा ही है अगर आप कम सोकर सुबह जल्दी उठते हैं और फिर दिन में सो जाते हैं तो आपका समय सोने में चला जाएगा जिससे आपको सुबह उठने का पूरा पूरा लाभ नहीं मिलता काम पर फोकस नहीं कर पाते तो फटकार भी मिलती है उस दिन का पूरा वर्क पूरा चैप्टर का सुस्ती और कमजोरी के कारण एक्स्ट्रा फायदा आप नहीं उठा पाते और आपको यह एहसास होता है कि यह नींद की ना पुरा होने की वजह से है। आप पुनः उसी आदत की आदी बन जाते हैं फिर से वही समस्या की सुबह जल्दी कैसे उठे। तो अब पता चला कि आपकी सुबह उठने की आदत दो-चार दिन में क्यों छूट जाती है और नींद पूरा होने पर ही आपको एक्स्ट्रा फायदे मिलेंगे। अब तक आपने यह सीखा।

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सुबह किस टाइम पर कब उठे ?

सुबह किस टाइम पर उठना चाहिए जिससे कि आप मोटिवेटेड रह पाओं। पूरी जिंदगी भर उसी टाइम पर उठ पाएं। घर के बड़े, गुरु, कुछ ज्ञानी और समाज के कुछ विशेष लोग आपको ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सलाह देते होंगे । तो वो समय है Morning Twilight's First Half इसमें आपका ब्रह्मा मुहूर्त भी कवर हो जाता है यह ना तो बहुत ज्यादा जल्दी है कि आप को फिर से नींद लेने, दिन में सोने की जरूरत पड़े और ना ही ऐसा समय है कि कोई आपको यह बोले कि भाई आप तो लेट उठ रहे हो। 

मॉर्निंग ट्वाइलाईट (Morning Twilight) किसे कहते है- सुबह गोधूलि ?

 ये ट्वाइलाईट का ऐसा समय होता है जब पंक्षी जगना शुरू हो जाती हैं, आपको कोयल की आवाज सुनाई देगी, अगर आप लकी हैं ऐसा माहौल में रहते हैं तो। रात का अंधेरा धीरे धीरे छंटना शुरू होने लगता है और सूरज भी तैयार हो रहा होता है आज तो आकाश में धूम मचा देंगे। तो जब सूरज तैयार हो रहा होता है ना उसी समय पर आपको भी तैयार होना है। जिस समय सूरज की पहली किरण आपके ऊपर गिरे वह बहुत प्यारा अनुभव होता है उस समय तक आप स्नान वगैरह वर्कआउट कर के आपको सूरज का स्वागत करने को तैयार रहना है सूरज आपके बायोलॉजिकल साइकल को चलाता है। सूर्य का प्रकाश हमारे लिए कितना जरूरी है हमारे स्वास्थ्य और जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है यह तो आप जानते ही होंगे, इसका स्वागत करेंगे तो आपको काफी उर्जा मिलेगी। सूरज उगने से पहले आपको अपना मोर्चा संभाल लेना है। गर्मियों में 4:15 मिनट और सर्दियों में 5:15 मिनट पर। यहीं वो उचित समय है जब आपको उठना है। अगर आप 18 साल से ऊपर है तो आपको 10:15 बजे सो जाना है। 17 साल तक के आयु वर्ग में आते हैं तो आपको 9: 15 तक सो जाना है।

Age group Sleep Analysis Routine


सुबह जल्दी उठने की आदत कैसे डालें?

अच्छा बताएं जब आपको अगली सुबह कहीं निकलना होता है कई जरूरी काम से बाहर जाना होता है तब क्या आपको इस समस्या का सामना करना पड़ता है तब आप बिना अलार्म के ही उसके बजने से पहले ही उठ जाते हैं क्योंकि तब आप अपने मस्तिष्क को यह बता चुके होते हैं कि आपको सुबह निकलना है वह काम आपके लिए बहुत जरूरी है जिसे पूरा हर हाल में करना है। कल इम्तहान है वगैरा-वगैरा। यह बात आपके अवचेतन मन (Subconscious Mind) में बैठ जाती है और आप बिना किसी समस्या के उठ जाते हैं। बस आपको यही करना है अपने दिमाग को यह बताना है कि आपको कल सुबह ठीक उसी समय पर उठना है और यह आपके लिए बहुत जरूरी है। सबसे पहले सुबह उठते ही कमरे की खिड़की दरवाजे खोल दें। बिस्तर, चादर को फोल्ड करके रख दें ताकि आप उसमें दोबारा जाकर दुबक ना जाए। उठने के बाद आपको एक बड़ा गिलास पानी पीना है जिससे कि आपको प्रेशर बनेगा और आप वॉशरूम की तरफ भागेंगे। अब तो आपका आलस का जाना पक्का है यह सब आप अपने रूटीन में लाते हैं तब तो सुबह जल्दी उठना तय है। इसके बाद एक्सरसाइज करें मेडिटेशन करें दिन भर आपके जो काम है उसकी प्लानिंग करें और काम पर लग जाएं।

अगर आम भाषा में समझाएं कि आप इतना जानने समझने के बाद भी अपने अवचेतन मन को खुद को उठाने के लिए अवेयर ना कर पाए तो आपको एक काम करना है जो अंतिम उपाय है आपको 3अलार्म कि नहीं 3 दिन की जरूरत है। सोनू शर्मा NEO Motivational थाउट में कहते हैं आप जब सुबह उठें  तो अपनी पॉकेट में जो भी ₹100, 50 , 500 हजार रुपए रखे हो उसे निकालो और फाड़ दो, हां फाड़ दो अगली सुबह फिर आपको ऐसा ही करना है तीसरे दिन आपके पप्पा तैयार रहेंगे। जो आदत 20 साल में नहीं बनी वो ₹200 बना देता है। कौन कहता है आदत नहीं बनती बनती है अगर बनाना चाहे तो, लेकिन कुछ ना कुछ तो दांव पे लगाना पड़ेगा। अगर आग जलानी है तो लकड़ी को तो जलना पड़ेगा, बिना लकड़ी के जलाए आग नहीं जलती है। और लकड़ी पैसे की आएगी। अगर ₹200 में आदत बनती है तो यह दुनिया का सबसे सस्ता डिल है। इसे कहते हैं खुद को सजा देना। ना उठाने की सजा देना। अगर इससे भी ज्यादा ठेठ भाषा में समझाएं उस लैंग्वेज में जिस लैंग्वेज में आप सुन सको कि अगर आपके पास ₹100 भी ना हो तो, आप सुबह उठो और अपनी सबसे कीमती ,प्यारा शर्ट जला दो, इससे भी ना उठ पाए तो अपनी मम्मी, बीबी की साड़ी जला दो। इसे कहते हैं सेल्फ पनिशमेंट। अगली सुबह आपकी मम्मी और पत्नी आपके कानपर्टी पर मार-मार के ना उठाया ना तो फिर कहना। आपके सुबह के बेलकम में झाड़ू, बेलना सब तैयार रहेगा। लेकिन एक बार सुबह उठने की आदत लग गई ना तो आप इतिहास बदल देंगे। अपने लक्ष्य को पाने में सक्षम होंगे।