शोध(Research) का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और उद्देश्य क्या है? : को समर्पित इस लेख में शोध से संबंधित जानकारी दी गई है। Shodh kise kahte hai को जानते है

शोध (Research) का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और उद्देश्य क्या है?: को समर्पित इस लेख में शोध से संबंधित जानकारी दी गई है। जिसे पढ़कर शोध से नवीन तथा गहन खोज कैसे हो सकता है को जानेंगे। यहां शोध (Research) का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और उद्देश्य क्या है? Shodh kise kahte hai को विस्तार से बताया गया है।

शोध(Research) का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति और उद्देश्य क्या है?
शोध(Research) क्या है?

अनुसंधान या शोध मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है तथा ज्ञान भंडार को विकसित एवं परिमार्जित करता है । अज्ञात का पता लगाना और नई संभावनाओं को खोलना ही अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य है । आइए उपर्यक्त लिखित एक-एक को विस्तार से जानते हैं 

शोध का अर्थ क्या है? RESEARCH

RESEARCH MEANING IN HINDI -  शोध अथवा अनुसंधान का सामान्य अर्थ 'गहन खोज' करने से है अर्थात् अनुसंधान किसी लक्ष्य उद्देश्य अनुगामी होता है, तथा उस उद्देश्य को आधार बनाकर क्रमबद्ध, व्यवस्थित तथा वैज्ञानिक तरीके से उसे प्राप्त करने की कला है

शोध; यह शब्द अंग्रेजी के 'Research' के पर्याय की तरह होता है, जिसका सामान्य अर्थ पुन: खोज करना या नए उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
  • व्यापक अर्थ में शोध या अनुसंधान किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना'
  • या विधिवत गवेषणा करना होता है। शोध को अनुसंधान भी कहा जाता है।
  • वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए
  • जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है
  • शोध उस प्रक्रिया अथवा कार्य का नाम है
  • जिसके अंतर्गत बोधपूर्वक तत्वों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से
  • उसका अवलोकन, विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। 
अनुसंधान का अर्थ -
अनुसंधान का अर्थ प्रेक्षण, परीक्षण, समीक्षा आदि किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना है अनुसंधान किसी न किसी समस्या के वैज्ञानिक व्यापार के समाधान के रूप में सामने आता है

क्योंकि समाधान के पश्चात उस समस्या या खोज से जुड़े कुछ नवीन सिद्धांतों या अवधारणाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है अत: अनुसंधान अपने अर्थ में किसी विषय समस्या, उद्देश्य तक पहुंचने का समाधान करने हेतु उसको आधार बनाकर बार-बार उसकी खोज करना तथा उसके आधार पर नए सिद्धांतों का निर्माण करना है।

नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धांतों का पुनः परीक्षण करना जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सके उसे शोध कहते हैं। अमेरिकी समाजशास्त्री अर्ल रावर्ट के अनुसार-देखी गई घटना का वर्णन व्याख्या भविष्यवाणी और नियंत्रण करने के लिए एक व्यवस्थित जांच या परीक्षण है।

शोध(Research) की परिभाषाएं

शोध(Research) की परिभाषा:- जेम्स ड्रेवर के अनुसार, "किसी क्षेत्र में ज्ञान अथवा सत्यापन हेतु की जाने वाली क्रमबद्ध खोज को शोध कहा जाता है।"

जॉन डब्ल्यू बेस्ट कहते हैं, "अनुसंधान अधिक औपचारिक, व्यवस्थित तथा गहन प्रक्रिया है, जिसमें वैज्ञानिक विधि विश्लेषण को प्रयुक्त किया जाता है। अनुसंधान में व्यवस्थित स्वरूप को शामिल कर निष्कर्ष प्राप्त कर उनका औपचारिक आलेख तैयार किया जाता है।"

सी आर कोठारी के अनुसार, "समस्याओं के समाधान के लिए व्यवस्थित रूप में बौद्धिक ढंग से वैज्ञानिक विधि के प्रयोग तथा अर्थापन को शोध कहा जाता है।"

अतः अनुसंधान या शोध वह क्रमबद्ध वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें वैज्ञानिक उपकरणों के प्रयोग द्वारा वर्तमान ज्ञान का परिमार्जन, उसका विकास अथवा किसी नए तथ्य की खोज द्वारा ज्ञानकोष में वृद्धि की जाती है।

शोध की प्रकृति क्या है ?

शोध से प्राचीन तथ्य सिद्धांत विधिय वस्तुओं में परिवर्तन किया जाता है यह सुव्यवस्थित बौद्धिक तर्कपूर्ण तथा वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया होती है। कुरीतियों की कतई गुंजाइश नहीं होती।
  • यह एक अनोखी प्रक्रिया है जो ज्ञान के प्रकाश और प्रसार में सहायक होती है।
  • यह समाज उद्देश्य के लिए भी किया जाता है
  • सामाजिक शोध की प्रकृति वैज्ञानिक असामाजिक तत्वों घटनाओं एवं समाजिक जीवन पर किया जाता है
  • इस प्रक्रिया से नवीन ज्ञान की वृद्धि एवं विकास किया जाता है 
  • इस कार्य में गुणात्मक तथा परिणात्कम तथ्यों की व्यवस्था की जाती है
  • और उनका विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाले जाते हैं
  • वैज्ञानिक प्राकृति से तात्पर्य है कि इसमें समस्या विशेष का अध्ययन
  • एक व्यवस्थित पद्धति के अनुसार किया जाता है
  • शोध की संपूर्ण प्रक्रिया विविध तूफानों से गुजरती है
  • एक शोध पद्धति में कुछ विशेषताएं और गुण होने चाहिए 
  • यह नियमित संपूर्ण व्यवस्थित सटीक और सत्यापन योग्य होना चाहिए। 

शोध या अनुसंधान का उद्देश्य क्या है ?

किसी समस्या विशेष या चिंता का वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करते हुए सावधानीपूर्वक और विस्तृत अध्ययन करना शोध है। 

सूचना का गहन विश्लेषण, नए प्रश्न, अवधारणाओं और समझ को उत्पन्न करने के लिए जगह बनाना अज्ञात का पता लगाना और नई संभावनाओं को खोलना- अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य है।

अनुसंधान की जरूरत हर क्षेत्र में है ताकि हर क्षेत्र को और मजबूत बनाया जा सके चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान हमें यह समझने में सक्षम बनाता है कि हमारे शरीर कैसे कार्य करते हैं, रोग कैसे फैलता है और किस प्रकार से उपचार विकसित करने और परीक्षण करने में सक्षम होते हैं अनुसंधान संगठन के आकार पर निर्भर नहीं है। इसलिए अनुसंधान किसी भी कंपनी के विकास और वृद्धि का एक अभिन्न अंग है।

सामाजिक शोध में भी नए ज्ञान की प्राप्ति एवं पुराने ज्ञान के परिमार्जन संबंधी उद्देश्यों से प्रेरित होकर किए जाते हैं। यही वास्तविकता है कि समाज से संबंधित नवीन तत्थ तथा परिस्थितियों की खोज करने, सामाजिक घटनाओं की प्रकृति को समझने उनकी कार्य कारण और संबंधों को ढूंढने के लिए कार्य किए जाते हैं।

पी बी यंग के अनुसार - अनुसंधान का उद्देश्य समाज तथा देश की घटनाओं को स्पष्ट रूप देना, अनुचित तत्वों को निश्चित रूप प्रदान करना एवं सामाजिक जीवन की भ्रांत धारणाओं से संबंधित तथ्यों को संशोधित करना। इसका दो मुख्य उद्देश्य है- बौद्धिक तथा व्यवहारिक।

जैसे ही किसी शोध की पृष्ठभूमि निर्मित की जाती है, उसी समय उसका उद्देश्य निर्धारित हो जाता है। नीचे निम्नलिखित है 

  उद्देश्य निम्न है-

  1. सत्य की खोज करना तथा छिपे हुए सत्य का पता लगाना।
  2. नवीन तथ्यों की खोज करना या नवीन ज्ञान की प्राप्ति करना।
  3. किसी घटना के बारे में नई जानकारी प्राप्त करना।
  4. किसी विशेष स्थिति का सही वर्णन प्रस्तुत करना।
  5. समस्याओं का निदान या समाधान करना।
  6. वैज्ञानिक कार्य विधि का उपयोग द्वारा प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करना।
  7. विज्ञान पर आधारित वस्तुपरक ज्ञान प्राप्त करना।
  8. किसी चरों के बीच कार्य-कारण संबंध को समझना और परीक्षण करना।
  9. किसी घटना के साथ सह- संबंध की जानकारी प्राप्त करना।
  10. व्यवस्थित प्रयत्न द्वारा सिद्धांतों का निर्माण करना।

सामान्यत: शोध के उद्देश्यों को चार भागों में बांटा गया है

  • सैद्धांतिक उद्देश्य इसके अंतर्गत वैज्ञानिक विधि के माध्यम से नवीन सिद्धांतों एवं नियमों का प्रतिपादन किया जाता है तथा यह कार्य व्याख्यात्मक प्रकृति के होते हैं।
  • सत्यात्माक उद्देश्य वस्तुतः यह दार्शनिक प्रकृति के होते हैं जिसमें दर्शन के आधार पर अंतिम परिणाम की प्राप्ति की जाती है।
  • तथ्यात्मक उद्देश्य वस्तुतः यह वर्णनात्मक प्रकृति के होते हैं। इसका कारण यह है कि इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु तथ्यों की खोज कर उनका विश्लेषण किया जाता है। इसमें ऐतिहासिक अनुसंधान ओके प्रकार का सहारा लिया जाता है।
  • व्यावहारिक उद्देश्य इन उद्देश्यों को विकासात्मक अनुसंधान की श्रेणी में रखते हैं तथा इनकी प्राप्ति हेतु विभिन्न क्षेत्रों में क्रियात्मक अनुसंधान का सहारा लिया जाता है। इसमें केवल उपयोगिता को ही महत्व प्रदान किया जाता है। 
तो आज आपने जाना शोध क्या है उसकी परिभाषा अर्थ उद्देश्य और प्रकृति को समझ पाए हैं। आज के लिए इतना ही शोध से संबंधित नया लेख लेकर फिर मिलते हैं

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