Dyslexia क्या है? अर्थ, लक्षण, कारण और उपचार |लर्निंग डिसऑर्डर। सीखने का विकार डिस्लेक्सिया kya hota hai, Dyslexia meaning डिस्लेक्सिया क्यों होता है?

डिस्लेक्सिया [Dyslexia] क्या है? अर्थ, लक्षण, कारण और उपचार , डिस्लेक्सिया संबंधित इस लेख में वो सबकुछ दिया गया है जो आपको जानना चाहिए। डिसलेक्सिया क्या है? DYSLEXIA KYA HAI IN HINDI, डिस्लेक्सिया का अर्थ क्या है? डिस्लेक्सिया किससे संबंधित है। Dyslexia कैसे होता है। मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं डिसलेक्सिक हूं ?

Learning Disorder: डिस्लेक्सिया संबंधित है अधिगम विकलांगता से। यह बच्चों की लर्निंग डिसेबिलिटी से जुड़ा है। जो व्यक्ति की पढ़ाई और लेखन में कठिनाइयों को पैदा करती है। यह एक प्रकार का लर्निंग डिसऑर्डर है जिसके शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं।

Dyslexia क्या है? अर्थ, लक्षण, कारण और उपचार | लर्निंग डिसऑर्डर
Dyslexia क्या है| लर्निंग डिसऑर्डर 

अपपठन डिस्लेक्सिया का दूसरा नाम है। डिस्लेक्सिया मेडिकल की एक स्थित है ना की बुद्धि की कमी। यह ब्रेन की किसी विशेष क्षेत्र में कमजोरी के कारण होता है जिसके कारण उन शब्दों को सही तरीके से पढ़ने-लिखने में परेशानी हो सकती है। 

डिसलेक्सिया क्या है? DYSLEXIA 

Kya hai dyslexia: यह मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा की दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है। 

  • इस न्यूरोलॉजिकल समस्या का कभी-कभी वयस्क होने तक पता नहीं चल पाता है। 
  • यह विकलांगता वर्णमाला के बदलते क्रम, अक्षरों को सही ढंग से पहचानने की क्षमता, 
  • वाक्यों को लिखने, सुनने और बोलने में मुश्किलें पैदा कर सकती है।
  • डिसलेक्सिया के शुरुआती लक्षण 1 से 2 साल की उम्र में उभरते हैं तथा 3 साल की उम्र तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 
  • जो बच्चे 15 महीने की उम्र तक अपना पहला शब्द या 2 साल की उम्र तक अपना पहला वाक्यांश नहीं बोलते हैं, 
  • उनमें डिसलेक्सिया विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

डिस्लेक्सिया [Dyslexia] का अर्थ क्या है? 

DYSLEXIA MEANING IN HINDI : सीखने का विकार| "Dyslexia" शब्द ग्रीक शब्द "dys" (अशक्ति) और "lexis" (शब्द) से आया है, जिसका मतलब होता है "शब्दों की अशक्ति"। 

  • यह एक पठन-लेखन विकलांगता है जिसका प्रमुख लक्षण होता है 
  • कि व्यक्ति को शब्दों को सही तरीके से पढ़ने, लिखने, और समझने सीखने में मुश्किल होती है।
  • यह पूरी तरह से सामान्य संज्ञानात्मक क्षमताओं वाले व्यक्तियों में होता है।
  • यह कठिनाई मस्तिष्क की शीथलता या जिन्हें जीवन के दौरान दुर्घटना के परिणाम स्वरूप प्राप्त किया जाता है। 
  • यह बीमारी लगभग 80 परसेंट पुरुष लिंग के होते हैं। हर 4 लोगों में से तीन पुरुष है।

डिस्लेक्सिया के कारण लक्षण और उपचार 

डिस्लेक्सिया का कारण पर्सनल इंटेलिजेंस या बुद्धिमत्ता नहीं है। डिस्लेक्सिया का बुद्धि से कोई संबंध नहीं है ।

 शोध से पता चला है कि इसका संबंध विरासत में मिले कुछ ऐसे जींस से हैं जो मस्तिष्क के विकास को नियंत्रित करते हैं।

कारण DYSLEXIA Cause

  • डिस्लेक्सिया के विभिन्न कारणों में एक कारण यह भी हो सकता है 
  • कि व्यक्ति की आंतरजालीय संरचना, जिसमें वर्णमाला के विभिन्न अक्षरों को पहचानने और समझने की क्षमता होती है, में कुछ अंतर हो।
  • यह एक विरासत में मिली हुई स्थिति है 
  • जो ब्रेन में अक्षरों और शब्दों को समझने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
  • इसके साथ ही, विचारशीलता, व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ, और पारिस्थितिकी भी डिस्लेक्सिया के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
  • जन्म संबंधित कारक :- हो सकते हैं जन्म के समय कम वजन, समय से पहले पैदा होना 
  • और गर्भावस्था के दौरान ऐसे पदार्थों के संपर्क में आना शामिल है जो मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करते हैं।
  • यह एक अधिगम अक्षमता विकार है जो लेखन को प्रभावित करता है ।
  • जन्मजात गुणवत्ता:- यह विकार बच्चों में जन्मजात गुणवत्ता के कारण भी हो सकता है,
  • जैसे कि वर्णमाला के विभिन्न अक्षरों को पहचानने और समझने की क्षमता में कोई अंतर।
  • ब्रेन स्ट्रक्चर:- डिस्लेक्सिया के कुछ कारण मस्तिष्क की विभिन्न संरचनाओं में बदलाव हो सकते हैं, 
  • जिनके कारण शब्दों को पढ़ने और लिखने में समस्याएँ हो सकती हैं.

लक्षण Symptoms

 डिस्लेक्सिया के लक्षण अक्सर तब पता चलते हैं जब बच्चे पढ़ना सीखते हैं स्कूल में बच्चों को भाषा को बनाए रखने कुछ ध्वनियों के प्रतीकों को याद रखने और लिखित रूप से संवाद करने के लिए आवश्यक व्याकरण और वाक्य विन्यास को समझने में कठिनाई होती है। 
  • बच्चों को वर्णमाला के अक्षरों को पहचानने में कठिनाई हो सकती है।
  • व्यक्ति शब्द पढ़ते समय वर्णों को उलट कर या वर्ण छोड़ कर पढ़ सकते हैं, जिससे पठन में असुविधा होती है.
  • लेखन में भी समस्याएँ हो सकती है, जैसे कि शब्दों को सही ढंग से लिखने में कठिनाई।
  • गौर करने की बात है कि यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में किसी भी समय आ सकता है।

डिस्लेक्सिया का प्रमुख लक्षण है -

  1. देर से बात करना
  2. नए शब्दों को देर से सीखना
  3. देर से पढ़ना
  4. शब्द पढ़ते समय गलतियाँ करना
  5. शब्दों को सही ढंग से पढ़ने और लिखने में कठिनाई होना
  6. वर्णमाला के अक्षरों को पहचानने में मुश्किल
  7. शब्दों को सही क्रम में पढ़ने या लिखने में समस्या
  8. वर्णों को उलट कर पढ़ना या वर्ण छोड़ना
  9. पठन में असुविधा और धीरे पढ़ना
  10. शब्दों के बीच स्पेस ना छोड़ना या एक ही साथ मिलाकर लिखना। आदि 

निदान व उपचार DYSLEXIA TREATMENT 

डिस्लेक्सिया के उचित उपचार के लिए एक साइकोलॉजिस्ट विशेषज्ञ की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है। इसलिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

शिक्षा और समर्थन:- डिस्लेक्सिया के लिए सही शिक्षा, विशेष शिक्षा, और समर्थन महत्वपूर्ण होते हैं। इससे व्यक्ति को वर्णों को पहचानने और समझने में मदद मिलती है।

मल्टिसेंसरी तकनीकें:- व्यक्ति को वर्णों को सही ढंग से पढ़ने और समझने के लिए मल्टिसेंसरी तकनीकें जैसे कि शब्दों को सुनना और देखना व पहचाने के सहायक हो सकती हैं।

सामाजिक समर्थन: परिवार, शिक्षक, और मित्रों का सहारा डिस्लेक्सिक व्यक्ति को समय-समय पर समर्थन प्रदान कर सकता है।

कार्यक्रम और सहायता:- साइकोलॉजिस्ट द्वारा तैयार किए गए विशेष कार्यक्रम और सहायता से, व्यक्ति को उनकी शिक्षागत आवश्यकताओं के अनुसार मदद मिलती है।

सामर्थ्य परीक्षण: - साइकोलॉजिस्ट व्यक्ति की शिक्षागत स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए सामर्थ्य परीक्षण आयोजित कर सकते हैं, जिससे व्यक्ति के विशेष शिक्षागत आवश्यकताओं को समझने में मदद मिलती है।

  1. जन्मजात डिस्लेक्सिया के मूल सिद्धांतों की समझ कर समर्थन प्रदान करने के लिए विशेष शिक्षा का उपयोग किया जा सकता है।
  2. ट्यूटरिंग या सामर्थ्य परीक्षण के माध्यम से व्यक्ति को उनकी समस्याओं के समाधान में मदद मिल सकती है।
  3. स्कूल या कॉलेज में विशिष्ट शिक्षा प्रदान करने की सुविधा हो सकती है, जो डिस्लेक्सिया वाले छात्रों को सहायता प्रदान कर सकती है। 
  4. आमतौर पर यह खुद पता लगाया जा सकता है प्रयोगशाला में जांच या एक्स-रे वगैरह की जरूरत नहीं होती है।
  5. ईलाज से लाभ हो सकता है लेकिन इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। यह सालों तक या सारी जिंदगी रह सकता है।
  6. ऐसे बच्चों को विशेष ध्यान विशेष ट्यूशन के साथ शिक्षा में सुधार, सफल कर सकते हैं।
यह उचित होता है कि डिस्लेक्सिया के संकेतों को जानने के बाद व्यक्ति को एक विशेषज्ञ की सलाह मांगने का विचार करना चाहिए।

डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों के लिए तकनीक और उपाय| Technique 

Dyslexia Tools and Technique:- विभिन्न तकनीकों और उपायों से शिक्षा देने में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ तकनीक और उपाय दिए गए हैं 

यह सुनिश्चित करने के लिए कि डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों को सही तरीके से शिक्षा दी जा रही है, एक साइकोलॉजिस्ट या विशेषज्ञ की सलाह लेना सुनिश्चित करेगा।

फोनेटिक तकनीक: इसमें वर्णों को अक्षरों की आवाजों में तब्दील करके पढ़ने की तकनीक होती है। 

मल्टिसेंसरी तकनीक: वर्णों को दिखाई देने, सुनाई देने, और उन्हें स्पष्टीकरण करने के विभिन्न तरीकों का उपयोग करके शिक्षा दी जा सकती है।

वर्णों के साथ खेल: वर्णों को सुनने और पहचानने के लिए बच्चों के साथ खेल खेलने की तकनीक सहायक हो सकती है।

समृद्ध शब्द संरचना: शब्दों को वाक्यों में सही सामर्थ्य के साथ इस्तेमाल करके वाक्य रचना सहायक हो सकती है।

कागज़ और पेंसिल से शिक्षा: वर्णों को पढ़ने और लिखने के लिए कागज़ और पेंसिल का उपयोग करके शिक्षा दी जा सकती है। पिक्चर या ग्राफ के द्वारा नया सिखाया जा सकता है।

कैनवास और डिजिटल उपकरण: डिजिटल शिक्षा उपकरणों जैसे कि टैबलेट, स्मार्टफोन, और कंप्यूटर का उपयोग करके भी शिक्षा दी जा सकती है।

स्पेशल शिक्षा कार्यक्रम: स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में विशेष शिक्षा कार्यक्रम द्वारा डिस्लेक्सिया वाले बच्चों को उनकी शिक्षा की आवश्यकताओं के आधार पर समर्थन प्रदान किया जा सकता है।

आत्म-समर्थन और मनोबल: डिस्लेक्सिया वाले बच्चों के स्वागत में और समय-समय पर सफलता की प्राप्ति में मदद करने के लिए स्वतंत्रता, स्वागत, और स्वाभाविक मनोबल को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण होता है।

यह कुछ उपाय दिए हैं, जिन्हें साइकोलॉजिस्ट आपके व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर सिफारिश करेंगे। 

डिस्लेक्सिया संबंधित विशेष 

  • यह तीन प्रकार का होता है। 
  • प्राथमिक डिस्लेक्सिया इस स्थिति में बच्चों को पढ़ने और समझने में दिक्कत आती है। 
  • जिसके लिए गामक और सूचना प्रसंस्करण कौशल के एक जटिल समूह की आवश्यकता होती है।
  • यह समस्या गर्भ के समय में ही बच्चें के मस्तिष्क को विकास के दौरान होती है। 

आपको यह पोस्ट पढ़कर कैसा लगा कमेंट बॉक्स में बताएं। डिसलेक्सिया के प्रकारों की विशेष जानकारी अगले लेख में मिल सकती है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं डिस्लेक्सिक हूं ?

विकासात्मक पढ़ने विकार या डिस्लेक्सिया सामान्य बुद्धि के बावजूद धड़ल्ले से पढ़ने के लिए सीखने के साथ और सही समझ के साथ कठिनाई होती है।

यह ध्वनि जागरूकता ध्वनि रिकॉर्डिंग, श्रवण अल्पकालिक स्मृति, शब्दों की लंबाई, प्रसंस्करण गति लिखने के साथ कठिनाई शामिल है।

इसमें अक्षरों, संख्याओं शब्दों अनुक्रमो या मौखिक स्पष्टीकरण से भ्रमित होना शामिल है। 

पढ़ने या लिखने से अवरोध, संख्याओं और शब्दों में दोहराव, परिवर्तन स्थानांतरण, चूक, प्रतिस्थापन और उल्टा दिखाई देता है ।

यह अच्छा होता है कि डिस्लेक्सिया के संकेतों को जानने के बाद व्यक्ति को एक विशेषज्ञ सलाह मांगने का विचार करना चाहिए। 

इसके लिए डॉक्टर से उचित निदान प्राप्त करना है जिसके दौरान डॉ कई मूल्यांकन कर सकते हैं। 

जैसे कि कोई भी शब्द पहचानना, पढ़ने का प्रवाह और समझ, मौखिक भाषा कौशल और बहुत कुछ।

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