मेटासंज्ञान:अच्छी स्मृति [Good Memory] की विशेषताएं |PQRST Method in Hindi, अच्छी स्मृति के लक्षण symptoms,छात्रों में मेमोरी पावर कैसे सुधारे?improve

अच्छी स्मृति के लिए मेटासंज्ञानात्मक रणनीति तथा आत्म-नियमन सीखना/सीखाना

प्रिय, अध्ययनों में पाया गया है कि हमारी स्मृति पर संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ता है। कोई भी व्यक्ति या शिक्षार्थी की संस्कृति उसे कुछ वस्तुओं, घटनाओं एवं रणनीति के प्रति काफी संवेदनशील बना देती है। इसके अच्छे बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं जिससे हमारी स्मृति शक्ति कुछ कारणों से कभी ह्रास तो कभी विकास की ओर जाता है। आईए जानते हैं अच्छी मेमोरी का लक्षण विशेषताएं क्या होता है -


मेटासंज्ञान : अच्छी स्मृति [Good Memory] की विशेषताएं | PQRST Method in Hindi
Metacognitive strategies and self-regulation

Metacognitive strategies and self-regulation: उत्तम स्मृति या यूं कहें मेटासंज्ञान तथा आत्म नियमन छात्रों में तब विकसित होगा जब छात्रों को शिक्षक द्वारा पुराने रणनीतियों की तुलना में नई रणनीतियों के उपयोग पर अधिक बल डाला जाता है। 

  • शिक्षार्थी किसी सूचनाओं को स्मृति में संगठित करने के लिए जो रणनीति अपनाते हैं 
  • उसमें स्पष्ट रूप से सांस्कृतिक विभिन्नता देखने को मिलती है। 
  • जिस संस्कृति में उत्तम स्कूली शिक्षा पर बल डाला जाता है 
  • उसके शिक्षार्थी सूचनाओं को अर्थपूर्ण ढंग से संबंधित कर सकने में अधिक सफल होते हैं। 
  • स्मरण करने में उचित संगठनात्मक राणनीति का उपयोग न करना उत्तम स्कूल शिक्षा की कमी है।
  • जिससे उनमें विशिष्ट तरह की स्मृति रणनीति उत्पन्न होने से चुक जाते हैं। खासकर महिलाएं अपने साथ घटी घटनाओं के समय तथा स्थान की यादगार तुलनात्मक रूप से स्पष्ट रखती है।
  • हम कह सकते हैं कि हमारे स्मृति पर समय स्थान लिंग संस्कृति का काफी प्रभाव पड़ता है।
वैज्ञानिकों ने "संज्ञानात्मक परिघटनाओं के बारे में संज्ञान" (cognition about cognitive phenomena) पर बहुत सारे शोध किए हैं। 

  • इन्होंने संज्ञानात्मक विकास के संदर्भ में मेटासंज्ञान (Metacognition) का विशेष रूप से अध्ययन किया है।
  • मेटासंज्ञान से तात्पर्य संज्ञान के बारे में संज्ञान से मतलब जानना के बारे में जानने (knowing about knowing) से होता है।

  • जिसमें ज्ञान, मॉनिटरिंग, नियंत्रण अस्पष्टता तथा गलत विश्वास भी सम्मिलित होते हैं।
  • शिक्षकों तथा माता-पिता द्वारा बच्चों को विशेष तरह की रणनीति सिखाया जाता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मेटासंज्ञान तथा आत्म-नियमन (self-regulation) को मजबूत करने के लिए कई तरीकों का सुझाव दिया जा सकता है जिसमें कई प्रमुख विधि बताई गई है। इसमें मुख्य विधि PQRST विधि को यहां पढ़ें -

PQRST Method in Hindi :अच्छी स्मृति 

PQRST विधि : इस विधि का प्रतिपादन थॉमस एवं रॉबिंसन के विचार के आधार पर किया गया है। इस विधि का मूल्य उद्देश्य पाठ्य पुस्तक की सामग्री का छात्रों द्वारा अध्ययन करने तथा स्मरण करने की क्षमता को बढ़ाना है। PQRST Method स्मृति को उन्नत बनाने के लिए मूलतः तीन नियमों का सहारा लेती है - 
  1. सामग्री को पहले संगठित करना 
  2. उसका विस्तारण करना तथा 
  3. उसकी पुनः प्राप्ति का अभ्यास करना।
इस विधि का नामकरण इसकी पांच अवस्थाओं के प्रथम अक्षरों को मिलकर किया गया है। जैसे यहां समझे -
P = Preview (पूर्वदर्शन)
Q = Question (प्रश्न)
R = Read (पढ़ना)
S = self-recitation (आत्म-प्रपठन) 
T = Test (जांच) 
मेटासंज्ञान : अच्छी स्मृति [Good Memory] की विशेषताएं | PQRST Method in Hindi
PQRST विधि का चित्रण 

इन पांच अवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार है : PQRST Method 

  • पूर्वदर्शन - इस अवस्था में पाठ्य पुस्तक की विषय वस्तु का अवलोकन छात्र करते हैं 
  • फिर किताब के अध्यायों के मुख्य शीर्षकों एवं चित्रों को ध्यान से देखते हैं एवं 
  • अध्याय के अंत में दिए गए अध्याय सारांश को पढ़कर किसी अध्याय में सम्मिलित किए गए प्रमुख सामग्री के बारे में अनुमान लगाते है।
  • प्रश्न - जैसा की चित्र देखने पर हमें से संकेत मिलता है,
  • छात्र Q, R एवं S अवस्थाओं को एक साथ किसी अध्याय के एक अनुच्छेद(section) पर लागू करते हैं
  • और तब उसे अध्याय के दूसरे अनुच्छेद में बढ़ते हैं 
  • यही कारण है कि इन तीनों अवस्थाओं को एक बड़े आयात के भीतर दिखाया गया है 
  • Q अवस्था में छात्र अनुच्छेद के शीर्षक तथा उस अनुच्छेद के भीतर के उपशीर्षक को पढ़कर उसे प्रश्न के रूप में बदल देता है।
  • इस अवस्था में वह शीर्षक या उपशीर्षक के भीतर की सामग्री को पढ़ना नहीं शुरू करता है
  • जैसे अगर शीर्षक का नाम है 'सीखना तथा परिपक्वन' है तो छात्र इसे प्रश्न के रूप में बदल देता है-
  • सीखना तथा परिपक्वता एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं?

  • पढ़ना -इस अवस्था में छात्र अनुच्छेद की सामग्री को पढ़ाना प्रारंभ कर देता है 
  • और मुख्य शब्दों एवं वाक्य को रेखांकित भी करना प्रारंभ कर देता है 
  • साथ ही साथ वह इसके पहले की अवस्था में बनाए गए प्रश्नों का उत्तर भी ढूंढने का प्रयास करने लगता है।
  • आत्मा-प्रपठन - इस अवस्था में छात्र अनुच्छेद को पढ़ना समाप्त करना उनके मुख्य संप्रदायों एवं विचारों को मन ही मन सुनाना(recite) परिणाम कर देते है
  • आत्म-प्रपठन से छात्र को अपने ज्ञान की रिक्तियों का तो पता चलता ही है 
  • साथ-ही-साथ में स्मृति को अच्छी तरह से संगठित भी आसानी से कर पाते हैं
  • एक अनुच्छेद इस तरह पूरा करके छात्र दूसरे अनुच्छेद पर Q, R एवं S की इसकी प्रक्रिया को दोहराते हैं 
  • और इसी तरह बी आगे के अध्यायों के अनुच्छेदों पर अपना अभ्यास जारी रखते हैं।

  • जांच - इस अवस्था में छात्र अध्याय का पढ़ना समाप्त कर उसकी जांच एवं समीक्षा (review) करता है 
  • वह मूल तत्वों का प्रत्यवाहन(recall) करता है 
  • और पुनः उन तथ्यों को याद किए गए अध्याय के तथ्यों से मिलना है।

अच्छी स्मृति के लक्षण symptoms of good Memory

शिक्षा मनोविज्ञान को ने अच्छी स्मृति की कुछ विशेषताओं का वर्णन किया है जिनमें प्रमुख हैं -
तीव्रता (Rapidity)- की एक प्रमुख विशेषता यह है कि सीखी गई सामग्री को व्यक्ति जल्दी से प्रत्यवाहन कर लेता है ।

यथार्थता(Accuracy)- अच्छी स्मृति के लिए यही सिर्फ आवश्यक नहीं है कि वह व्यक्ति अपनी गत अनुभूतियों का प्रत्यवाहन कर ले, 
बल्कि यह भी आवश्यक है कि वह इन अनुभूतियों का सही-सही प्रत्यवाहन करे।

सीखे गए विषय को लम्बे समय तक धारण रखना (retaining the learnt memorials for longer period of time)- अच्छी स्मृति की विशेषता है कि 
  • व्यक्ति सीखे गए पाठ या विषय को लंबे समय तक धारण किए हुए हो 
  • यदि ऐसा नहीं होता है तो उसे अच्छी स्मृति वाला व्यक्ति नहीं कहा जाएगा 
सही सामग्री का सही समय पर प्रत्यवाहन (Recall off right materials at right time)- अच्छे स्मृति की एक विशेषता है कि व्यक्ति सीखी गई सामग्री में से सही सामग्री का प्रत्यवाहन सही समय पर कर लेता है ।

किसी विषय या पाठक को सूझ द्वारा एवं समझ कर सीखना (to learn a lesson by insight and understanding)
अच्छी स्मृतिवाले व्यक्ति किसी पाठ या विषय को समझकर तथा प्रयत्न एवं भूल द्वारा न सीखकर, सूझ द्वारा सीखते हैं।

अधिक मात्रा में धारण करना(maximum retention)- अच्छी स्मृति वाले व्यक्ति किसी सीखे गए पाठ या सामग्री को लंबे समय तक तो धारण करके रखते ही हैं, साथ ही साथ उन सामग्रियों में से अधिकाधिक को धारण किए रहते हैं।

आज यहां तक आगे की जानकारी अगले लेख में। तो आज आपने इस लेख में सीखा अच्छी स्मृति बनाने के लिए क्या करना चाहिए आपको कैसे पढ़ाई करनी/करानी चाहिए। आज की यह लेख काफी महत्वपूर्ण रही।

मेटासंज्ञान : अच्छी स्मृति [Good Memory] की विशेषताएं | PQRST Method in Hindi

PQRST विधि से छात्रों की अध्ययनक्षमता तथा स्मरणक्षमता दोनों ही काफी उन्नत हो जाती है। अध्ययनों से यह स्पष्ट हो गया है। छात्रों को चाहिए कि वह अपने अध्ययन का 80% समय उसी अवस्था में व्यतीत करें।

अब आप स्वयं ही बताएं कि आपको एक अच्छी स्मृतिवाला व्यक्ति कहां जा सकता है या नहीं?

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