भारत में कितने टूरिस्ट सर्किट हैं?Swadesh Darshan Yojana kya hai?15 सर्किट।अजंता और एलोरा गुफा।स्वदेश दर्शन पुरस्कार किस मंत्रालय ने लांच किया।कब शुरू

 हाल ही में पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में संशोधित किया है, और पर्यटन मंत्रालय द्वारा अजंता और एलोरा की गुफाओं को स्वदेश दर्शन योजना 2.0 में शामिल किया गया है । इसका उद्देश्य रोजगार सृजन, पोषण एवं पर्यटन गंतव्य के रूप में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इसके तहत 15 पर्यटन सर्किट नेम कौन कौन से है इस लेख में विस्तार से जानेंगे

Swadesh Darshan Yojana 2.0

स्वदेश दर्शन योजना क्या है?|15 पर्यटन सर्किट नाम|
भारत में कितने टूरिस्ट सर्किट है? बौद्ध सर्किट |

स्वदेश दर्शन योजना क्या है? 

• परिचय
स्वदेश दर्शन योजना वोकॉलर थीम पर आधारित भारत सरकार द्वारा पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिए शुरू किया गया था। स्वदेश दर्शन योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए पूरे भारत में तीर्थ स्थलों को विकसित कर पहचान करने पर केंद्रित है। इसे पर्यटन मंत्रालय (MOT) ने लांच किया है।

यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए देश के विकसित शहरों को विकसित और संरक्षित करने में सक्षम होगा। इस योजना के माध्यम से भारत के सभी तीर्थ स्थलों पर परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन जैसी आवश्यक चीजों पर विशेष ध्यान देना है। इसमें 15 पर्यटन सर्किट को शामिल किया गया है।
• महत्व :

 सीडीएस 1.0 एवं प्रसाद योजनाओं का पूर्ण रूप तीर्थ यात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान रही, जिसके तहत कई परियोजनाएं पूरी हो चुकी है।
स्वदेश दर्शन योजना (SD 2.0) सामुदायिक भागीदारी पर्यटन के लाभों के बारे में स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने पर जोर देती है।
साथ ही सुविधाओं और सेवाओं के माध्यम से आगंतुकों के अनुभवों को बेहतर बनाने पर भी जोर देता है। 
इस योजना के तहत पूर्वोत्तर के 15 स्थलों को विकास के लिए चुना गया है। 

स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत कब हुई ? 

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से 15 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना का लक्ष्य पूरे भारत में विशिष्ट पर्यटक सर्किट विकसित करना है। 
देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मंत्रालय ने 15 पर्यटन सर्किट की पहचान की थी। इनके विकास के लिए कुल 79 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए। 
  • इस योजना के तहत चुने गए शहरों के पर्यटन स्थलों को रिनोवेट भी किया जाएगा।
  • स्वदेश दर्शन योजना के द्वारा योजनावध तरीके से और प्राथमिकता के साथ 
  • पर्यटन क्षमता वाले सर्किट को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इस योजना के लिए कुल लागत 2048 करोड रुपए हैं।
  • यह एक वृद्धिशील परिवर्तन न होकर बल्कि पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, पर्यटन सेवाएं मानव पूंजी विकास से संबंधित है। 
  • योजना को धरातल पर उतरने के लिए अब यहां का सर्वे कराया जा रहा है।

भारत में कितने सर्किट हैं? 

15 Tourist Circuit Name : इस योजना के तहत 15 विषयगत सर्किटो की पहचान की गई है । इन थीम आधारित पर्यटक सर्किटो में शामिल है - बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ईको सर्किट, हेरिटेज सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, हिमालय सर्किट, सुफी सर्किट, कृष्णा सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, वन्यजीव सर्किट और जनजातीय सर्किट यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है ।

 उद्देश्य :-

इस योजना का उद्देश्य आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना ।
योजनावध तरीके से पर्यटक सर्किट विकसित करना।
भारत के सांस्कृतिक और विरासत समृद्धि को बढ़ावा देना ।
पर्यटन स्थलों में टिकाऊ बुनियादी ढांचे का निर्माण करना।
स्थानीय समुदायों के बीच आय के बढ़ते स्रोतों, बेहतर जीवन स्तर और क्षेत्र के समग्र विकास के संदर्भ में 
और साथ ही पर्यटन महत्व के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता बढ़ाना है। 
इसका उद्देश्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत से समृद्ध क्षेत्र पूर्वोत्तर में पर्यटन को बढ़ावा देना है।
इस सर्किट में बौद्ध तीर्थ स्थल शामिल है- केंद्र सरकार ने एक दिशा ट्रेन सर्किट एफएएम टूर का भी आयोजन किया है 
जो बिहार में गया बोधगया राजगीर से नालंदा यूपी में सारनाथ वाराणसी के गंतव्य को कवर करता है। 

अजंता और एलोरा गुफा संबंधित 

अजंता की गुफाओं के बारे में :- अजंता महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास बघौरा नदी पर सह्याद्रि पर्वतमाला पश्चिमी घाट में चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाओं की एक श्रृंखला है ।
यहां पर 29 गुफाएं हैं जिनमें से 25 का उपयोग बिहार या आवासीय की गुफाओं के रूप में किया जाता था जबकि चार का उपयोग चात्य या प्रार्थना कक्ष के रूप में किया जाता था। 
  • इन गुफाओं का विकास 200 ईसा पूर्व से 650 ई वी के बीच हुआ था 
  • इनका निर्माण वाकाटक राजाओं के संरक्षण में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया गया था जिन्हें हरिषेण प्रमुख थे।
  • इन गुफाओं का संदर्भ चीनी बौद्ध यात्रियों फाह्यान और हेनत्सांग की यात्रा वृतांतों में भी मिलता है।
  • इन गुफाओं में आकृतियां फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके बनाई गई थी।
  • चित्रों की रूपरेखा लाल रंग से बनाई गई। 
  • उनकी पेंटिंग आमतौर पर बौद्ध धर्म बुद्ध के जीवन और जातक कथाओं पर आधारित है 
  • बता दे कि इन गुफाओं को 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था।
एलोरा की गुफाओं के बारे में:- यह महाराष्ट्र की सह्याद्रि पर्वतमाला में अजंता की गुफाओं से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। इनमें 34 गुफाओं का एक समूह है जिसमें 17 ब्राह्मणवादी 12 बौद्ध और पांच जैन गुफाएं शामिल है 
  • गुफाओं की इन सेटों को 5 वीं और 11वीं शताब्दी ईस्वी के बीच की अवधि के दौरान विकसित किया गया था।
  • यही कारण है की गुफाएं विषय और स्थापत्य शैली के संदर्भ में प्राकृतिक विविधता को दर्शाती है।
  • एलोरा परिसर को 1983 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था।
  • गुफा मंदिरों में सबसे उल्लेखनीय कैलाशनाथ गुफा 16 है,
  • जिसका नाम हिमालय की कैलाश श्रृंखला में उस पर्वत के नाम पर रखा गया है जहां शिव का निवास स्थान माना जाता है।
स्वदेश दर्शन योजना क्या है?|15 पर्यटन सर्किट नाम|
Swadesh Darshan Yojana kya hai? SD 2.0


इस योजना के तहत बौद्ध सर्किट विकास के लिए 325.53 करोड रुपए की पांच परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है।
इनमें शामिल किए गए राज्य हैं मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश।

पर्यटन सर्किट क्या है ?

पर्यटन सर्किट एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र जिसमें कई पर्यटक आकर्षण शामिल होते हैं। इसके द्वारा देश में पर्यटन अनुभव को समृद्ध बनाना और रोजगार अवसर में वृद्धि करने के लिए देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट का विकास करना है। 
  • यह सर्किट उच्च पर्यटन मूल्य, प्रतिस्पर्द्धात्मक एवं निर्वहनीयता के सिद्धांत पर विकसित किए गए हैं। 
  • केंद्र सरकार की इस योजना की परिकल्पना स्किल इंडिया मेक इंडिया स्वस्थ भारत अभियान आदि 
  • जैसी योजनाओं के साथ ताल-मेल बिठाने की उद्देश्य से की गई है ताकि पर्यटन को अपनी क्षमता का एहसास हो सके।
  • पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी पर्यटन स्थल को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए इस योजना का प्रारंभ किया गया है।
योजना के तहत पर्यटन क्षेत्र के लिए निम्नलिखित प्रमुख विषयों की पहचान की गई है -
  • संस्कृति और विरासत 
  • साहसिक पर्यटन 
  • पारिस्थितिकी पर्यटन 
  • कल्याण पर्यटन 
  • ग्रामीण पर्यटन 
  • एमआईसीई पर्यटन
  • तटीय पर्यटन 
  • परिभ्रमण-महासागर और अंतर्देशीय। 
निष्कर्ष :

SDS स्वदेश दर्शन 2.0 एक ऐसा मार्ग के रूप में पहचान गया है जो गांव, शहर या एक दूसरे से कम दूरी पर उपस्थित क्षेत्र में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, भोजन, हस्तशिल्प संस्कृति आदि को बढ़ावा देना है । 

स्वदेश दर्शन योजना का व्यापक उद्देश्य 11 से 14 साल की उम्र की किशोरियों को पोषण प्रदान करना और सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार, पर्यटन अनुभव को समृद्ध बनाना, रोजगार एवं पर्यटन क्षेत्र की क्षमता को बढ़ावा व विकास करना है और दोहन करना है।

स्रोत : [Niyantran and mahalekha parikshak Audit Report, 9 Aug 2023 And Indian express]

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