Premenstrual Syndrome in Hindi.Cause, symptoms & treatment|period से पहले बेचैनी संबंधी विकार:पीएमएस अवसाद.मैं अपने पीरियड पर पागल क्यों महसूस करती है

 PreMenstrual syndrome-(PMS full form):  पीरियड किसी महिला को मानसिक रूप से क्या करता है। आइए जानते हैं Premenstrual syndrome kya hota hai. मैं अपने पीएमएस मूड को कैसे सुधार सकती हूं। पीरियड में क्या करना चाहिए ? महिलाओं का साथ देने के लिए पुरुष समझें PMS क्या होता है। राहत और इलाज इस लेख में विस्तार से बताया जा रहा है 

What is Premenstrual Syndrome ?

क्या है PMS: पीएमएस (PMS) का मतलब होता है "प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम" (Premenstrual Syndrome)। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के मासिक चक्र (पीरियड्स) के पूर्व या पीरियड्स के दौरान कुछ शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। 

Premenstrual syndrome शारीरिक और भावनात्मक  लक्षणों का एक ऐसा समूह है जो आपके मासिक धर्म से एक या दो सप्ताह पहले शुरू होता है। फिर पीरियड्स के बाद ये लक्षण खत्म हो जाते हैं।
Premenstrual Syndrome क्या है? in Hindi | कारण, लक्षण और उपचार: PMS in Period
Premenstrual Syndrome क्या है? in Hindi | कारण, लक्षण और उपचार 

यह अनुमान लगाया गया है कि मासिक धर्म के दौरान हर 4 में से 3 महिलाओं को किसी न किसी रूप में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का अनुभव हुआ है।
  • What is PMS in period: पीरियड्स, जिसे माहवारी भी कहा जाता है, 
  • एक महिला के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • माहवारी के दौरान महिला को कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन महसूस होते है
  • और यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • कमर, पेट, पैर, बॉडी में ऐठन, दर्द, चिड़चिड़ापन, चक्कर, मुड़ स्विंग्स और ब्लीडिंग आदि आम लक्षण देखने को मिलते हैं।
  • यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके दौरान महिला के गर्भनल में लाइनिंग बढ़ने और बिगड़ने की प्रक्रिया होती है। 
  • जिसका उद्देश्य एक भविष्य में होने वाले गर्भ को स्वागत करने के लिए तैयार होना है।
  • यह प्रक्रिया महिलाओं के प्रजनन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यह अक्सर पूरे जीवन में होता है,
  • सामान्यत: शुरुआत में किशोरावस्था से लेकर मेनोपॉज़ तक।
  • ये शारीरिक, व्यावहारिक और मानसिक लक्षण हर महिला को मोनोपॉज तक पहुंचने से पहले हर महीने यह समस्याएं होती है।
और इसी दौरान महिलाओं पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव को premenstrual syndrome (PMS) कहा जाता है।PMS शब्द को 1957 में करीना डाल्टन नामक एक ब्रिटिश डॉक्टर द्वारा दिया गया था।

Period से पहले बेचैनी संबंधी विकार:  premenstrual syndrome

पीएमएस अवसाद क्या है: क्या पीरियड महिलाओं पर मानसिक प्रभाव डालता है: हां, पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान महिलाओं पर मानसिक प्रभाव भी पड़ सकता है। 
जिसमें महिलाएं पीरियड्स से पहले या पीरियड्स के दौरान कुछ विभिन्न तरह के शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करती हैं।
मानसिक प्रभाव में आकर्षण, दु:ख, उदासी, चिंता, अधिक थकान, या गुस्सा शामिल होता है।
यह प्रभाव प्रत्येक महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है और यह हफ्ता या दो हफ्तों के लिए अपने चरम पर होता है।
इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के रूप, आयु, और अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है। 
  • कोलंबिया प्रेस्बिटेरियन मेडिकल सेंटर के निदेशक जीन एडिकॉट ने कहा कि यह एक वास्तविक जैविक स्थित है जिसके लिए महिलाएं उपचार चाहती है और इसके लिए प्रभावी उपचार उपलब्ध है (PMDD)।
  • कनेक्टिकट कॉलेज में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और मासिक धर्म चक्र अनुसंधान के लिए सोसाइटी के अध्यक्ष जोन क्रिसलर, पीएचडी को अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि PMS और PMDD संस्कृति-बद्ध सिंड्रोम है।
  • पीएमएस वास्तविक है और इसके अस्तित्व को नाकारा नहीं जा सकता। वूमेन मेंटल हेल्थ के अनुसार लगभग 75% महिलाओं में अप्रिय मासिक धर्म से पहले के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण देखे गए हैं।

PMS (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के कारण

Premenstrual syndrome क्यों होता है:- इसका वास्तविक कारण स्पष्ट रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन इसके पीछे कई कारक हो सकते हैं। ऐसा लगता है इसका संबंध शरीर में हार्मोन के उतार-चढ़ाव से है। 
मस्तिष्क के रसायनों में परिवर्तन भी एक भूमिका निभा सकता है। यह अध्ययनों और चिकित्सकों के द्वारा बताया गया है।

इन कारकों में से कुछ हैं:-
हार्मोनल परिवर्तन: पीरियड्स के पूर्व और दौरान, महिलाओं के हार्मोन में परिवर्तन होते हैं, 
जैसे कि प्रोगेस्टेरोन और एस्ट्रोजन की मात्रा में वृद्धि और गिरावट। 
इसके परिणामस्वरूप, हार्मोनल बदलाव मानसिक प्रभाव (PMS) पैदा कर सकते हैं।
आंतरिक तंतु सिस्टम: यह संभावना है कि PMS के लक्षण आंतरिक तंतु सिस्टम की समस्याओं, 
जैसे कि इंसुलिन रेजिस्टेंस या सेरोटोनिन स्तर की परिवर्तन या अन्य कारण हो सकते हैं।
आनुवांशिक तत्व: कुछ महिलाओं को उनके परिवार में PMS के लक्षण होते हैं, इससे यह सुझाव दिया जा सकता है कि यह आनुवांशिक भी हो सकता है।
आहार: आहार की गुणवत्ता और पोषण में कमी PMS को बढ़ा सकती है।

लक्षण symptoms 

PMS के लक्षण महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं और यह पीरियड्स से कुछ दिन पहले शुरू होते हैं और पीरियड्स के दौरान समाप्त होते हैं। इसे premenstrual tension भी कहते हैं।
पीएमएस के लक्षण आमतौर पर मासिक धर्म से 5 दिन पहले दिखाई देते हैं।  
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में गिरावट पीएमएस के लक्षणों को ट्रिगर करती है।

यहां कुछ सामान्य PMS के लक्षण हैं:-
मानसिक लक्षण: एंजायटी, टेंशन, डिप्रेस्ड मूड,उदासी, खुद को निराश महसूस करना, लगातार गुस्सा आना चिड़चिड़ापन, चिंताओं का बढ़ जाना।
शारीरिक लक्षण: मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, सिरदर्द, पीरियड्स के पहले स्तनों में दर्द, ब्लूटिंग (वायु बढ़ना)। 
आपका पेट सामान्य से अधिक बाहर निकला हुआ है, स्तन कोमलता या परिवर्तन, त्वचा में धब्बे या सूखापन जैसा परिवर्तन।
भौतिक लक्षण: थकान, कमजोरी, उल्टियां, जीभ में छाले, आंखों के साथ समस्याएँ।
आकर्षण की वृद्धि: कुछ महिलाएं PMS के समय आकर्षण की वृद्धि रहती है, और खासतर पूरी तरह से आकर्षित हो सकती हैं।

मानसिक प्रभाव PMS बचाव के 5 प्राकृतिक तरीके 

मैं अपने पीएमएस मूड को कैसे सुधार सकती हूं: एक्सपर्ट बताते हैं कि पीरियड से पहले PMS से पीड़ित लड़कियों को पहले ही मिल जाते हैं PMS के संकेत। इसका कोई उपचार नहीं है। लेकिन premenstrual Tension को कम किया जा सकता है।
आप इसे सिर्फ अपने जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाकर कंट्रोल कर सकते हैं।

पूर्व-मासिक धर्म सिंड्रोम या PMS को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपायों का प्रयास कर सकती हैं:-

आहार: स्वस्थ आहार खाने का प्रयास करें, जिसमें पूर्ण अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन, और हरे पत्तियों के साथ हरी चाय शामिल हो। 
पीरियड के दौरान खून की कमी की वजह से शरीर में आयरन की मात्रा कम हो जाती है।
कम वसा वाले पदार्थ और अधिक कैल्शियम युक्त आहार पर स्विच करने से इसे कम करने में मदद मिल सकती है।
दर्द से राहत पाने के लिए हरी सब्जियां खाएं जिसमें बीटा कैरोटीन भरपूर होते हैं। अजवाइन है फायदेमंद साथ ही अदरक का सेवन करें, पपीता खाएं, डार्क चॉकलेट खाएं।
परहेज: कैफीन और तेल-मसालेदार खाने से परहेज करें। फास्ट फूड का सेवन न करें शरीर को हाइड्रेट रखें। मांस से दूर रहें।
व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करने से PMS के मानसिक प्रभाव को कम किया जा सकता है। योगा और मेडिटेशन भी मददगार हो सकते हैं।
ध्यान और सुस्ती: पर्याप्त नींद और संतुलित मानसिक ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
गर्म बैथ: गर्म पानी के साथ एक रिलैक्सिंग गर्म स्नान लेने से आराम मिल सकता है।

डॉक्टर सलाह: अगर PMS के मानसिक प्रभाव बहुत गंभीर हैं और आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा रहेगा। 
वे आपको और बेहतर सलाह देंगे और आवश्यकता पर आपको दवाओं का सुझाव देंगे।
Premenstrual syndrome के लक्षण शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, और इसके लिए विभिन्न प्रकार के
इलाज उपलब्ध होते हैं, जिनमें आहार, व्यायाम, और दवाइयां शामिल हो सकती हैं।

मैं अपने पीरियड पर पागल क्यों महसूस करती हूं?

  • महिलाओं को पीरियड्स होते हैं क्योंकि इसका मुख्य बायोलॉजिकल कारण है कि उनके गर्भाशय (रहम) में हर महीने एक बार गर्भाशय की लाइनिंग तैयार की जाती है, 
  • जिसका उद्देश्य एक भविष्य में होने वाले गर्भ को स्वागत करने के लिए तैयार होना है 
  • इस बायोलॉजिकल प्रक्रिया का उद्देश्य महिलाओं के शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार रखना है, जो उनके प्रजनन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • इस प्रक्रिया के पीछे बायोलॉजिकल कारण, हॉर्मोन्स का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। 
महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन्स, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन, मासिक चक्र के विभिन्न चरणों में परिवर्तित होते रहते हैं, जिससे गर्भाशय की लाइनिंग का निर्माण और उसकी छुड़ाई की जाती है। 
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यह कुछ मुख्य चरणों में होता है:-

मेनार्क: यह पीरियड्स की प्रारंभिक आवश्यकता है, जब महिला के बढ़ने वाले आयु में गर्भनल और जिगर शरीर की लाइनिंग की तैयारी करने लगते हैं। इसे मेनार्क कहा जाता है और आमतौर पर यह किशोरावस्था के दौरान होता है.

ओव्युलेशन: यह पीरियड्स के दौरान का दौर है, जब एक महिला का शरीर एक अंड जिसे ओवुल कहा जाता है उत्पन्न करता है और इसको अंडाणु के साथ बहार आने देता है।

माहवारी : यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो यह उत्पन्न हुआ अंडा और गर्भनल की लाइनिंग का निष्कासण करता है, जिसके परिणामस्वरूप माहवारी होती है।

गर्भनल की लाइनिंग की बनावट: जब गर्भनल का अंडा ओवुल करता है, तो गर्भनल की लाइनिंग भी मोटी हो जाती है, तैयार होती है कि यह अंडा गर्भधारण के लिए स्थिति में हो सकता है।
यदि गर्भावस्था होती है, तो यह लाइनिंग गर्भ को स्थापित करने के लिए जरूरी होती है।
इसके बाद, यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो यह लाइनिंग को निष्कासित करने के लिए अंडा और गर्भनल के द्वारा होता है, जिससे माहवारी होती है।

ऐसे समय में महिला को आमतौर पर कुछ दिनों तक ब्लीडिंग होती है, जिसमें गर्भनल की लाइनिंग का निष्कासण होता है। 
यह ब्लीडिंग आमतौर पर हर महीने के एक निश्चित समय पर होती है और इसके साथ कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है।
  • शोधकर्ताओं का मानना है कि हार्मोन का यह उतार चढ़ाव महिलाओं की मूड को प्रभावित करते हैं।
  • क्रोध और चिड़चिड़ापन जैसी नकारात्मक भावनाओं को ट्रिगर करते हैं। 
जहां बॉडी में इतना परिवर्तन हो रहा हो, वहां मन का अजीब लगना लाजमी है।

लाइनिंग क्या है

  1. लाइनिंग (lining) एक प्रकार की तंतु की तरह होती है, जो जीवन जंतुओं के शरीर के अंदर किसी ऑर्गन या संरचना को ढंकने और संरक्षित करने के लिए उपयोग होती है। 
  2. यह तंतु जिस ऑर्गन को ढंकती है, वह ऑर्गन के सुरक्षा और कार्य को समर्थन देने में मदद करती है। 
  3. यह शरीर की सुरक्षा और समर्थन के लिए आवश्यक होती हैं।
  4. महिलाओं की जननांगों के गर्भाशय (रहम) के अंदर, जो गर्भ को संभालने और पोषण करने के लिए जिम्मेदार होता है, वहां भी एक लाइनिंग होती है।
  5. इस लाइनिंग को गर्भवती होने की स्थितियों के लिए तैयार किया जाता है। 
  6. अगर गर्भवती होती हैं, तो यह लाइनिंग गर्भ को स्थापित करने और उसे पोषण करने के लिए जरूरी होती है।
  7.  अगर गर्भवती नहीं होती हैं, तो यह लाइनिंग शरीर से बाहर निकल जाती है, जिससे पीरियड्स होते हैं।

पीरियड में क्या करना चाहिए ?

Period pain: पीरियड के दौरान स्वास्थ्य और कमफर्ट के लिए कुछ सावधानियां बरतना महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपके पीरियड्स के समय मदद कर सकते हैं:

स्वस्थ आहार: सेहतमंद और पोषणशील आहार खाने का प्रयास करें, जिसमें हरे वनस्पतियों, फल, सब्जियां, दालें, पूरी अनाज और पूरे ग्रेन शामिल हों। इससे आपका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
योग और व्यायाम: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग और व्यायाम करने में रुचि रखें।
उपयुक्त हाइजीन: सच्चे संदेश और प्रतिदिन बार-बार नहाने का प्रयास करें।
गर्मी देने वाले उपकरण: पेट पर गर्मी देने वाले उपकरण का उपयोग करें या गर्म पानी की बोतल को पेट पर रखें, जिससे कुछ महिलाएं को कमरदर्द में राहत मिल सकती है।
पैड्स या टैम्पन्स का उपयोग: आपकी पसंद और आवश्यकताओं के आधार पर पैड्स या टैम्पन्स का उपयोग करें।
पर्यापन: अपने दौरान अपने रोज़मर्रा के कामों में कोई खास बदलाव नहीं करना चाहिए, लेकिन यदि आपको अधिक आराम की आवश्यकता होती है, तो थोड़ी आराम करें।
दर्द के लिए दवा: अगर आपको पीरियड्स के समय कमर दर्द होता है, तो आप अपने चिकित्सक से सलाह लेकर किसी पैनरिलीफ या अन्य दर्द निवारक दवा का उपयोग कर सकती हैं।
नियमित नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्वास्थ्य को सुधारता है और दर्द को कम कर सकता है।
तंतु में बदलाव पर ध्यान: यदि आपको अपने तंतु की तरफ किसी असामान्य बदलाव का अहसास हो, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

हालांकि ये सुझाव premenstrual syndrome स्थिति के आधार पर बदल सकते हैं, लेकिन ये आमतौर पर पीरियड्स के समय स्वास्थ्य और कमफर्ट को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। Period के दौरान ज्यादा कुछ असामान्य होने पर विशेषज्ञ या चिकित्सक से संपर्क करें।